अच्छा तो तुम्हें कौन प्यार करेगा
सभी कविताएं अगर हो जाएं स्वकीया
प्रेम बन जाए जेलखाना
कह लो घर जी आए तो
आटा गूंथती देह पर चुहचुहा आई बूंदों पर
लुटाने के लिए
बहुत प्यार है दुनिया के कैदखानों में
पर कहो
मेलोड्रामा पर तमतमा आए तन पर
सिकुड़ गई ऑंखों पर भी तो आना चाहिए न प्रेम।
अपने नहीं कर सकते सच्चा प्रेम
स्वकीया प्रेम पर तालाबंदी चाहिए।