कल ही दिल्ली आकर गिरे हैं बारह दिन के लिए दक्षिण की यात्रा पर थे। दक्षिण भी पूरा नहीं लक्षदीव तथा केरल और बस तमिलनाडु में कन्याकुमारी भर। काफी दिन रहे इसलिये अनेक प्रकार के अनुभव रहे अवसर मिलने पर बाकी भी बताएंगे पर लक्षदीव सबसे अनोखा था। दिल्ली से हैं पूरी तरह लैंडलाक््ड इसलिए द्वीप के जीवन की कल्पना तथा अनुभव एकदम अलग रहा। लक्षदीव पश्चिमी तट के लक्षदीव सागर (अरब सागर का दक्षिणी छोर) में कुछ तीसेक द्वीपों का समूह है ये प्रवाल द्वीप हैं जिनमें से केवल दस आबाद हैं पर्यटक केवल चार द्वीपों पर जा सकते हैं विदेशी केवल एक द्वीप बंगारम पर ही जा सकते हैं। द्वीप समूह का एकमात्र हवाई अड्डा अगाती द्वीप पर है... इस माह की 16-17-18-19 को हम इसी द्वीप पर थे। जो लोग अंडमान-गोआ-कोवलम या यूरोप अथवा अमरीकी बीचों के अनुभव से समुद्र तथा बीच को पहचानते हैं वे शायद बिना अनुभव किए न मानें लेकिन लक्षदीव इससे बिल्कुल अलग है। एक प्रमुख वजह तो है इनका प्रवाल द्वीप होना तथा दूसरा है एकदम अछूता होना। पूरे द्वीप पर एक भी चट्टान नहीं है दरअसल रेत भी रेत न होकर कोरल चूरा ही है इसलिए एकदम सफेद है जिसमें सिलिका का अंश शून्य है।
हवाई जहाज से पहली झलक कुछ ऐसी दिखी एक लंबी सी पट्टी और कोने पर छोटी सी बूंद के आकार में।
विकीमैपिया से प्राप्त बेहतर तस्वीर कुछ ऐसी है-
अगाती द्वीप का कुल क्षेत्रफल 3.84 वर्ग किमी है ये अधिकतम 6 किमी लंबा तथा एक किमी तक चौड़ा है। हम अगाती बीच रिसॉर्ट में बुकिंग कराकर गए थे वहीं रुके। लक्षदीव जाने के लिए सभी को चाहे वे भारतीय हों परमिट लेना पड़ता है। लक्षदीव का पर्यटन सस्ता नहीं है कम से कम हमें तो मंहगा लगा, आफ सीजन के बावजूद तीन दिन का ठहरना बीसेक हजार का पड़ा। लेकिन पूरी दुनिया से परे एकदम दूधिया बीच जिस पर आप लगभग अकेले पर्यटक हों, ये रोजमर्रा अनुभव नहीं है। पूरे द्वीप पर मीठे पानी की कोई नदी आदि नहीं है इसलिए रिसॉर्ट में नलों में समुद्र का खारा पानी ही बहता है जो निवृत्त होने यहॉं तक कि नहाने के लिए तो ठीक है पर अगर पीना हो या कुल्ला करना हो तो बिस्लेरी की उन बोतलों के सहारे रहना पड़ता है जो 450 किमी दूर कोचीन से हवाई मार्ग से आई होती हैं तो हम भी तीन दिनों तक बिस्लेरी से कुल्ला दातुन का आनंद ले चुके हैं :))
करने को इस छोटे से द्वीप पर कुछ नहीं है सिवाए इस खूबसूरत समुद्र को निहारने और एकदम स्वच्छ समुद्र में क्रीड़ा करने के, लेकिन इसमें आप कभी थकेंगे नहीं, न बोर ही होंगे। कुछ तस्वीरें देखें-
अभी बस इतना ही शेष बाद में।